राजयोग – स्वामी विवेकानन्द January 15, 2005 By VivekaVani Hindi ग्रन्थकार की भूमिका अवतरणिका साधना के प्राथमिक सोपान प्राण प्राण का आध्यात्मिक रूप आध्यात्मिक प्राण का संयम प्रत्याहार और धारणा ध्यान और समाधि संक्षिप्त राजयोग पातंजल योगसूत्र प्रस्तावना समाधिपाद साधनपाद विभूतिपाद कैवल्यपाद परिशिष्ट Share the Article with Friends and Family!