सर्वकर्माणि मनसा संन्यस्यास्ते सुखं वशी ।नवद्वारे पुरे देही नैव कुर्वन्न कारयन् ॥13॥ sarvakarmāṇi manasā saṃnyasyāste sukhaṃ vaśīnavadvāre pure dehī naiva kurvanna kārayan sarva = …
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Voice of Vivekananda
सर्वकर्माणि मनसा संन्यस्यास्ते सुखं वशी ।नवद्वारे पुरे देही नैव कुर्वन्न कारयन् ॥13॥ sarvakarmāṇi manasā saṃnyasyāste sukhaṃ vaśīnavadvāre pure dehī naiva kurvanna kārayan sarva = …
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Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.65।। व्याख्या -- मद्भक्तः -- साधकको सबसे पहले मैं भगवान्का हूँ इस प्रकार अपनी अहंता(मैंपन) को बदल देना चाहिये। कारण कि बिना …
वेदादि शास्त्रों का सार है गीता। स्वामीजी ने गीता के सम्बन्ध में ‘ज्ञानयोग’ पुस्तक के एक स्थान में कहा है – “भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने अति सुन्दर ज्ञान का उपदेश दिया है। यह महान् काव्य ग्रन्थ भारतीय …
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.63।। व्याख्या -- इति ते ज्ञानमाख्यातं गुह्याद्गुह्यतरं मया -- पूर्वश्लोकमें सर्वव्यापक अन्तर्यामी परमात्माकी जो शरणागति बतायी …
श्रीरामकृष्णदेव ने कहा हैं – “शरणागत, शरणागत, नाहं, नाहं, तू ही, तू ही। शरणागति, शरणागति।” अहंकार रहते पूर्ण शरणागति नहीं आती, इसीलिए उन्होंने कहा है – “जीव का अहंकार ही माया है। इस अहंकार ने सब कुछ …
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.61।। व्याख्या -- ईश्वरः सर्वभूतानां ৷৷. यन्त्रारूढानि मायया -- इसका तात्पर्य यह है कि जो ईश्वर सबका शासक? नियामक? सबका भरणपोषण …